एकसप्ताह के सर्व फलाहार के पश्चात्, रोगी धीरे-धीरे मुख्यतः एक क्षारीय सुसंतुलित आहार अपना सकता है।
2.
फल और दुग्धाहार के पश्चात्, रोगी को जैविक रूप से उगाए गए कच्चे खाद्यों पर बल देते हुए तीन मूलभूत भोजनों का सुसंतुलित आहार धीरे-धीरे आरंभ करना चाहिए।
3.
पूर्ण फलाहार के बाद, मरीज को तीन मूलभूत सुवर्गों, यथा, बीजों, काष्ठफलों और अनाजों, सब्जियों तथा फलों, पर आधारित एक सुसंतुलित आहार का पालन करना चाहिए, जैसाकि "स्वास्थ्य और रोग में आहार" के अध्याय १ में रेखांकित किया गया है।